The best Side of Shodashi
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Kadi mantras are thought to be by far the most pure and will often be utilized for bigger spiritual practices. They are related to the Sri Chakra and so are considered to convey about divine blessings and enlightenment.
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
The essence of those rituals lies while in the purity of intention along with the depth of devotion. It is not simply the external steps but the internal surrender and prayer that invoke the divine existence of Tripura Sundari.
Shodashi’s Power fosters empathy and kindness, reminding devotees to solution Other folks with understanding and compassion. This reward encourages harmonious relationships, supporting a loving approach to interactions and fostering unity in relatives, friendships, and Group.
सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
The Mahavidya Shodashi Mantra fosters psychological resilience, serving to devotees technique life that has a quiet and steady intellect. This advantage is efficacious for all those experiencing strain, mainly because it nurtures inner peace and a chance to maintain psychological equilibrium.
कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया
मन्त्रिण्या click here मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं